आइए जानते हैं मां वैष्णो देवी मंदिर के बारे में कुछ ऐसे रोचक तथ्य जिन्हें जानकर आप हैरान रह जाएंगे.
भैरवनाथ को क्षमा करने के बाद देवी ने अपना मानव रूप त्याग दिया था और पिंडियों का रूप धारण कर लिया था. माता वैष्णो देवी अपने भक्तों को पिंडी के रूप में दर्शन देती हैं.
पंडित श्रीधर को सबसे पहले माता वैष्णो देवी के दर्शन हुए थे और उन्होंने ही मंदिर का रास्ता बताया.
वैष्णो देवी की गुफाएं दस लाख वर्ष पुरानी हैं. वैष्णो देवी का उल्लेख हिंदू महाकाव्य महाभारत में मिलता है.
माता वैष्णो देवी मंदिर के दर्शन के लिए नवरात्रि को सबसे शुभ समय माना जाता है. ऐसा माना जाता है कि नवरात्र के दौरान वैष्णो देवी के दर्शन करने से स्वर्ग की प्राप्ति होती है.
वैष्णो देवी में तीन मुख्य गुफाएं स्थित हैं, जिनमें से एक ज्यादातर बंद रहती है, भीड़ कम होने पर तीसरी गुफा खोली जाती है.
मां माता वैष्णो देवी के दरबार में प्राचीन गुफा का काफी महत्व है. ऐसा माना जाता है कि कुछ भाग्यशाली तीर्थयात्री ही मंदिर की मुख्य गुफा के दर्शन कर पाते हैं.
इसका बड़ा कारण यह है कि प्राचीन गुफा के समक्ष भैरवनाथ का शरीर मौजूद है. यहीं पर मां वैष्णो देवी ने भैरवनाथ का वध किया था.
भैरवनाथ से छिपने के लिए माता वैष्णो देवी रहस्यमय गुफा में 9 माह तक रही थीं, आज इसे अर्धकुमारी के नाम से जाना जाता है.