मथुरा में भगवान कृष्ण से जुड़े कई किस्से और कहानियां प्रचलित हैं. यहां हजारों मंदिर हैं.
वृंदावन में जगन्नाथ मंदिर है, जहां पर भगवान हर साल 15 दिनों के लिए बीमार होते हैं. इस दौरान भक्त उनके दर्शन नहीं कर पाते हैं.
इलाज के लिए उन्हें औषधियां भी दी जाती हैं. कभी एलोविरा, दसमुला, नीम गिलॉय, काली मिर्च, अदरक-मिर्च डालकर भोग लगाया जाता है.
रथ यात्रा से 16 दिन पहले भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा को पूरे देश की पवित्र नदियों और समुद्र के जल से स्नान कराया जाता है. इससे भगवान बीमार हो जाते हैं.
भगवान के बीमार होने से भक्त काफी निराश हो जाते हैं और भगवान के जल्द ठीक होने की प्रार्थना करते हैं.
16वें दिन भगवान जगन्नाथ स्वस्थ होते हैं तो पंचामृत से अभिषेक के बाद उन्हें छप्पन भोग लगाया जाता है.
मान्यता के मुताबिक भगवान के बीमार होने के 15 दिन मंदिर परिसर खाली रहता है. 16वें दिन से मंदिर में श्रद्धालुओें का आना शुरू हो जाता है.
16वें दिन रथयात्रा निकलने के साथ ही अखंड कीर्तन का आयोजन भी किया जाता है.
भगवान जगन्नाथ अपने भाई-बहन बलभद्र और सुभद्रा के साथ चंदन के बने रथ पर बैठकर वृंदावन में सैर करते हैं.