भगवान विष्णु ने यह अवतार धरती पर मनुष्य के साथ अन्य जीवों को महाप्रलय से बचाने के लिए लिया था.
मत्स्य अवतार
भगवान विष्णु के इस अवतार को कच्छप अवतार भी कहा जाता है. यह अवतार लेकर उन्होंने मदरांचल पर्वत को अपनी पीठ पर उठाकर समुद्र मंथन में देवताओं और दानवों की मदद की थी.
कूर्म अवतार
भगवान विष्णु ने वराह रूप धारण करके दैत्य हिरण्याक्ष का वध किया था. अपने दांतों से धरती को समुद्र से बाहर निकाला था.
वराह अवतार
भगवान विष्णु ने यह रौद्र रूप अपने भक्त प्रहलाद को हिरण्यकश्यप से बचाने के लिए लिया था.
नृसिंह अवतार
सतयुग में प्रहलाद के पौत्र दैत्यराज बलि ने स्वर्गलोक पर अधिकार कर लिया था, जिसके बाद भगवान विष्णु ने वामन का अवतार लेकर देवताओं को स्वर्ग लोक लौटाया.
वामन अवतार
भगवान विष्णु ने यह अवतार बुराई पर अच्छाई की जीत के लिए लिया. युद्ध में अहंकारी रावण का वध किया था.
श्रीराम अवतार
भगवान विष्णु का यह अवतार सभी अवतारों में से श्रेष्ठ माना जाता है. इस अवतार में उन्होंने कई चमत्कार किए और दुष्टों का नाश किया.
श्रीकृष्ण अवतार
वन में तपस्या कर रहे ऋषियों के आश्रम के जल जाने और सहस्त्रबाहु को दिए गए श्राप की वजह से भगवान विष्णु ने यह अवतार सहस्त्रबाहु सहित सभी क्षत्रियों का नाश करने के लिए लिया था.
परशुराम अवतार
गौतम बुद्ध भी भगवान विष्णु के अवतार माने जाते हैं. प्रभु विष्णु ने यह अवतार दैत्य की शक्तियों को बढ़ने से रोकने और देवताओं की शक्तियों को बढ़ाने के लिए लिया था.
बुद्ध अवतार
धर्म ग्रंथों के अनुसार भगवान विष्णु कलयुग में कल्कि के रूप में अवतार लेकर देवदत्त नाम के घोड़े पर सवार होकर पापियों का नाश करेंगे और धर्म की स्थापना करेंगे.
कल्कि अवतार