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देश के सबसे बड़े औद्योगिक घराने टाटा ग्रुप के सबसे लंबे समय तक चेयरमैन रहे जहांगीर रतनजी दादा भाई टाटा यानी JRD टाटा का जन्म 29 जुलाई 1904 में हुआ था.
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जेआरडी टाटा रतन दादा भाई टाटा और सुजैन ब्रियरे की दूसरी संतान थे. उनकी मां भारत में कार चलाने वाली पहली महिला थीं. वो फ्रांस की रहने वाली थीं.
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15 साल की उम्र में JRD टाटा ने पायलट बनने का फैसला किया. लेकिन साल 1929 में 24 साल की उम्र में उनको पायलट का लाइसेंस मिला था.
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JRD टाटा ने साल 1932 में भारत की पहली कमर्शियल फ्लाइट उड़ाने का गौरव हासिल किया. उन्होंने भारत में पहली हवाई सेवा की शुरुआत की.
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34 साल की उम्र में जेआरडी टाटा साल 1938 में ग्रुप के चेयरमैन बने थे और साल 1991 तक इस पद पर रहे. उनको टाटा ग्रुप का सबसे सफल चेयरमैन माना जाता है.
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जेआरडी टाटा ने कर्मचारियों के लिए कई क्रांतिकारी योजनाएं शुरू की थी. वो देश के इकलौते उद्योगपति थे, जिनको भारत रत्न से नवाजा गया है.
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JRD टाटा ने अपने कार्यकाल में 14 नई कंपनियां शुरू की थी. उन्होंने टाटा ग्रुप में सबसे पहले 8 घंटे की ड्यूटी तय की थी.
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JRD टाटा ने कर्मचारियों के लिए सबसे पहले फ्री मेडिकल सुविधा और भविष्य निधि योजना की भी शुरुआत की थी. किसी कर्मचारी के साथ हादसा होने पर टाटा ने सबसे पहले मुआवजा देने की पहल की.
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JRD टाटा ने शिक्षा के क्षेत्र में अहम योगदान दिया. उन्होंने साल 1936 में टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज (TISS) की स्थापना की.
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