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हिन्दू परंपरा में कार्तिक महीने की महत्वता बहुत ज्यादा है. वैसे तो इस माह में बहुत से अनुष्ठानों का पालन किया जाता है लेकिन अगर कोई सिर्फ दीप जलाने के नियमों का पालन कर ले तो उनकी किस्मत चमक जाती है.
आपको बता दें कि अग्नि के प्रतीक के रूप में दीपक को सबसे ज्यादा मूल्यवान और पवित्र माना जाता है. हम ईश्वर को प्रकाश के रूप में मानते हैं. अतः दीपक जलाकर उसकी ज्योति के रूप में ईश्वर का ध्यान करते हैं.
कार्तिक के महीने में अलग-अलग मुखों के दीपक जलाकर हम अपनी अलग अलग मनोकामनाओं को पूरा कर सकते हैं.
सामान्य रूप से हर पूजा पाठ और मंत्र जाप के पूर्व एक मुखी दीपक जलाया जाता है. इस दीपक में दो बातियां होती हैं, जिसमे से सिर्फ एक सिरा जलाया जाता है. इस तरह के दीपक को जलाकर कोई भी पूजा उपासना की जा सकती है. कार्तिक महीने में रोज शाम को पूजा स्थान पर एक मुखी दीपक जलाना उत्तम होता है.
दो मुखी दीपक सामान्य रूप से नहीं जलाया जाता. इस दीपक का प्रयोग स्वास्थ्य और आयु रक्षा के लिए किया जाता है. इस तरह के दीपक में भी दो बातियां होती हैं , जिसमे दो सिरे जलाये जाते हैं. कार्तिक में शिव जी के समक्ष दो मुखी दीपक जलाकर प्रार्थना करने से आयु और स्वास्थ्य की समस्याओं से रक्षा होगी. ध्यान रखें कि दीपक घी का होना चाहिए.
तीन मुखी दीपक विशेष दशाओं में खूब लाभकारी होता है. इस तरह के दीपक को जलाने से शत्रु बाधा और विरोधियों की समस्या दूर हो जाती है. इस तरह के दीपक में भी दो बातियां होती हैं और तीन सिरे जलाये जाते हैं. कार्तिक में हर शनिवार तीन मुखी दीपक घर के मुख्य द्वार पर जलाएं और शत्रु और विरोधियों की शांति की प्रार्थना करें. इस दीपक में सरसों का तेल भरने से शीघ्र लाभ होगा.
हर तरह की विशेष कामनाओं की पूर्ति के लिए चार मुखी दीपक जलाया जाता है. धन प्राप्ति, ग्रह दोष निवारण और सिद्धि प्राप्त करने के लिए इस दीपक का सबसे ज्यादा प्रयोग होता है. इस तरह के दीपक में दो बातियां होती हैं और चारों सिरे जलाये जाते हैं. कार्तिक में रोज शाम को तुलसी के नीचे चार मुखी दीपक जलाना उत्तम होगा. इस बात का जरूर ख्याल रखें कि दीपक में घी ही भरा जाएगा.
संतान की प्राप्ति और संतान सम्बन्धी समस्याओं के निवारण के लिए छह मुखी दीपक जलाया जाता है. इस तरह के दीपक में तीन बातियां होती हैं. इन बातियों के छह सिरों को जलाया जाता है. इस दीपक को अगर पति पत्नी एक साथ जलाएं तो संतान सम्बन्धी समस्याओं का निवारण आसानी से हो जाता है. जिन दम्पत्तियों को संतान संबंधी कोई समस्या है वो हर बुधवार गणेश जी के सामने छः मुखी दीपक जलाएं.