करवाचौध पर हर पत्नी अपने पति की लंबी उम्र के लिए व्रत करती है. यह दिन बहुत ही खास होता है.
व्रत करने के साथ-साथ इस दिन महिलाएं सजती-संवरती भी हैं. और मान्यता है कि शादीशुदा महिलाओं को इस दिन सोलह श्रृंगार करना चाहिए.
लेकिन क्या आपको पता है कि सोलह श्रृंगार में क्या-क्या शामिल होता है? अगर नहीं तो आज जान लीजिए.
सबसे पहले आता है आपको जोड़ा यानी आपके कपड़े. इस दिन लाल या हरे या कोई शुभ रंग के कपड़े पहनें.
अब दूसरा आता है महावर. महावर अपने पैरों पर लगाएं. इसके बाद, तीसरा श्रृंगार करें यानी मांग में सिंदूर भरें.
सिंदूर भरने के बाद चौथा श्रृंगार होगा मांगटीका, इसे माथे पर सजाएं और फिर पांचवां श्रृंगार बिंदी लगाएं.
अब छठा श्रृंगार यानी काजल लगाएं और फिर सातवां श्रृंगार यानी नाक में नथ पहनें. नथ पहनने के बाद आठवां श्रृंगार यानी कानों में झुमके या कर्णफूल पहनें.
नौवां श्रृंगार होगा गले का हार, दसवां बाजूबंद, और ग्याहरवां होगा चूड़ियां. बारहवां श्रृंगार होगा अंगूठी, तेहरवां कमरबंद और चौदहवां पायल व बिछुआ.
पंद्रहवां श्रृंगार होगा इत्र. सोलहवां श्रृंगार है मेहंदी, जो आप एक दिन पहले ही लगवा सकते हैं.