काशी विश्वनाथ के दर्शन करने से मिलता है मोक्ष

वाराणसी का काशी विश्वनाथ मंदिर भारत के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक माना जाता है. 

भारत के उत्तर प्रदेश राज्य के वाराणसी में गंगा नदी के पश्चिमी तट पर स्थित यह मंदिर लोकप्रिय रूप से विश्वनाथ या विश्वेश्वर के नाम से जाना जाता है. 

विश्वनाथ का अर्थ है ब्रह्मांड को चलाने वाला. इस मंदिर को स्वर्ण मंदिर के नाम से भी जाना जाता है क्योंकि इसके गुंबद शुद्ध सोने से ढके हुए हैं. 

मंदिर परिसर में कालभैरव, अविमुक्तेश्वर, भगवान विष्णु, विनायक और विरुपाक्ष गौरी को समर्पित कई छोटे मंदिर भी हैं. 

मान्यता है कि ऐसा माना जाता है कि पृथ्वी के निर्माण के समय काशी ही वह पहला स्थान था जहां रोशनी पड़ी थी. इसलिए इस जगह का बहुत महत्व है. 

दुनिया भर से शिवभक्त काशी विश्वनाथ के दर्शन करने पहुंचते हैं. खासकर कि सावन के महीने में लाखों की संख्या में लोग यहां आते हैं. 

काशी विश्वनाथ में लोग मंगल आरती, भोग आरती, सप्त ऋषि आरती, श्रृंगार आरती और रुद्राभिषेक जैसी गतिविधियों में हिस्सा ले सकते हैं. 

काशी को मोक्ष का द्वार कहा जाता है. मान्यता है कि जो काशी आकर विश्वनाथ के दर्शन करता है वह हर बंधन से मुक्ति पा जाता है.