भगवान शिव के बारे में जानिए 10 रोचक बातें  

सर्वप्रथम भगवान शिव ने ही धरती पर जीवन का प्रचार-प्रसार का प्रयास किया इसलिए उन्हें आदिदेव भी कहा जाता है.

भोले बाबा के धनुष का नाम पिनाक, चक्र भवरेंदु व सुदर्शन, अस्त्र पाशुपतास्त्र और त्रिशूल है. इन सभी का स्वयं शिव ने ही निर्माण किया था.

भगवान शंकर के गले में जो नाग लिपटा रहता है, उसका नाम वासुकि है. वासुकि के बड़े भाई का नाम शेषनाग है.

भगवान शिव की पहली पत्नी सती ने ही अगले जन्म में पार्वती के रूप में जन्म लिया और वही उमा, उर्मि और काली कही गईं.

भगवान शिव के छह पुत्र गणेश, कार्तिकेय, सुकेश, जलंधर, अयप्पा और भूमा हैं. सभी के जन्म की कथा रोचक है.

भोले शंकर के सात शिष्य हैं, जिन्हें सप्तऋषि माना गया है. इन ऋषियों ने ही शिव के ज्ञान को संपूर्ण धरती पर प्रचारित किया.

भगवान शिव के गणों में भैरव, वीरभद्र, मणिभद्र, चंदिस, नंदी, शृंगी, भृगिरिटी, शैल, गोकर्ण, घंटाकर्ण, जय और विजय प्रमुख हैं.

भगवान शिव की वेशभूषा ऐसी है कि हर धर्म के लोग उनमें अपने प्रतीक खोज सकते हैं. देवों के साथ राक्षस, पिशाच, गंधर्व और यक्ष सभी उन्हें पूजते हैं. 

वेद, उपनिषद सहित विज्ञान भैरव तंत्र, शिव पुराण और शिव संहिता में शिव की संपूर्ण शिक्षा-दीक्षा समाई हुई है.

जिस तरह से ब्रह्मा जी इस सृष्टि के रचनाकार हैं और विष्णु जी पालक हैं ठीक उसी तरह भगवान शिव सृष्टि के संहारक हैं.