जानिए बाबा भोले के पहले ज्योतिर्लिंग सोमनाथ के बारे में 

पूरे भारत देश में भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंग स्थित हैं.

इनमें सबसे पहला ज्योतिर्लिंग गुजरात के सौराष्ट्र नगर में अरब सागर के तट पर स्थित है. यह सोमनाथ ज्योतिर्लिंग के नाम से जाना जाता है.

मान्यताओं के अनुसार, सोमनाथ मंदिर का निर्माण चंद्रदेव ने करवाया था. भोलेनाथ का यह मंदिर हिंदू धर्म के उत्थान और पतन का प्रतीक भी माना जाता है.

चन्द्रदेव का एक नाम सोम भी है. मान्यताओं के अनुसार, उन्होंने भगवान शिव को ही अपना नाथ-स्वामी मानकर यहां तपस्या की थी इसीलिए इसका नाम 'सोमनाथ' हो गया.

भगवान शिव के इस मंदिर के शिखर की ऊंचाई 150 फीट है. जिस पर 10 टन वजनी कलश रखा है. सोमनाथ मंदिर की ध्वजा 27 फीट की है.

सोमनाथ मंदिर को तीन हिस्सों में बांटा गया है. पहला गर्भ ग्रह, दूसरा सभामंडप, तीसरा नृत्य मंडप. इस परिसर के ऊपरी भाग में शिवलिंग के ऊपर अहिल्येश्वर की प्रतिमा है.

इसके अलावा यहां भगवान गणेश का मंदिर है, जिसके बाहर की तरफ उत्तरी भाग में अघोरलिंग की मूर्ति है.

इस परिसर में देवी पार्वती, देवी सरस्वती, देवी लक्ष्मी, मां गंगा की भी मूर्तियां स्थापित हैं.