बिलावल भुट्टो के परिवार और सियासी सफर के बारे में जानिए

पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी भारत के लिए रवाना हो गए हैं. वो आज गोवा में होने वाली शंघाई कोऑपरेशन ऑर्गेनाइजेशन के विदेश मंत्रियों की मीटिंग में शामिल होंगे.

बिलावल 12 साल बाद भारत आने वाले पाकिस्तान के पहले विदेश मंत्री हैं. इसके पहले 2011 में पाकिस्तान की पूर्व विदेश मंत्री हीना रब्बानी खार भारत आई थीं.

2014 में नवाज शरीफ के बाद ये किसी पाकिस्तानी राजनेता का पहला भारत दौरा रहा.

भूट्टो परिवार की चौथी पीढ़ी के भारत आने के अलग मायने हैं. भूट्टो परिवार जूनागढ़ रियासत से ताल्लुक रखता है.

बिलावल भुट्टो के नाना शहनवाज भुट्टो ब्रिटिश इंडिया के सिंध क्षेत्र से बड़े जमीनदार और मुस्लमानों के जाने माने नेता थे.

बिलावल भुट्टो के नाना शहनवाज भुट्टो ब्रिटिश इंडिया के सिंध क्षेत्र से बड़े जमीनदार और मुस्लमानों के जाने माने नेता थे.

शहनवाज भुट्टो के बेटे जुल्फिकार भुट्टो पाकिस्तान की सियासत में शामिल हुए, और कई भारत विरोधी गतिविधियों में शामिल रहे. उन्होंने ही ऑपरेशन जिब्राल्टर भी उन्होंने ही चलाया था.

1967 में बिलावल के नाना जुल्फिकार ने कहा था कि हम भारत ने 1000 साल तक युद्ध लडेंगे. जिसकी आलोचना आज तक होती है.

मिलिट्री शासन में जुल्फिकार को फांसी होने के बाद उनकी बेटी बेनजीर भुट्टो दो बार पाक की प्रधानमंत्री बनीं. वो इंदिरा गांधी को अपना आदर्श मानती थीं.

पाक की इमरान खान सरकार के हटने के बाद बिलावल शहबाज शरीफ सरकार में विदेश मंत्री बने. वो पाक के सबसे कम उम्र के विदेश मंत्री हैं.

विदेश मंत्री बनते ही बिलावल ने भारत के खिलाफ बयानबाजी करके लोकप्रियता हासिल करने की खूब कोशिश की.