एलिफेंटा आइलैंड की सबसे फेमस गुफा के बारे में जानें

(Photos Credit: GettyImages/India Today)

महाराष्ट्र के मुंबई शहर से महज 10 किलोमीटर की दूरी पर स्थित एलिफेंटा आइलैंड. भारत के इतिहास और संस्कृति का एक अनमोल खजाना है.

एलिफेंटा को घारापुरी के नाम से भी जाना जाता है. एलिफेंटा नाम पुर्तगालियों द्वारा यहां पर बने पत्थर के हाथी के कारण दिया गया था.

ये  जगह अपने प्राचीन गुफाओं, मूर्तिकला और अद्भुत आर्किटेक्चर के लिए मशहूर है. एलिफेंटा में कुल सात गुफाएं हैं. जो यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थलों (world Heritage Sites) की सूची में शामिल हैं.

ये गुफाएं पांचवीं-छठी सदी के बीच चट्टानों को काटकर बनाया गया था. वैसे तो एलिफेंटा  में सभी गुफाएं पर्यटकों का ध्यान अपने तरफ खिचती है.

लेकिन आज हम आपको वहां के सबसे फेमस गुफा के बारे में बताएंगे और क्या खासियत है उस गुफा की वो भी जानेंगे .

एलिफेंटा गुफाओं में से सबसे महत्वपूर्ण गुफा 1 (CAVE 1) है, जो 39 मीटर लंबी है. इसका आकार महाराष्ट्र के एलोरा की दुर्मार लेना गुफा जैसा है.

गुफा 1 के प्रवेश द्वार पर ही  7 मीटर ऊंची "सदाशिव" की मूर्ति है, जो भगवान शिव के तीन रूपों को दर्शाती है - निर्माता (अघोरा), पालक (महादेव), और संहारक (उमा).

नटराज, योगेश्वर, अंधकासुर वध, अर्धनारीश्वर, कल्याणसुंदरमूर्ति, गंगाधरमूर्ति, और रावणानुग्रहमूर्ति जैसी आर्टफैक्ट भी देखने लायक हैं.

एलिफेंटा गुफाओं की देखभाल भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (Archaeological Survey of India) करता है.

एलिफेंटा की गुफा तक जाने के लिए बोट चलती हैं. ये बोट सुबह नौ बजे से लेकर दोपहर के 12 बजे के बीच ही चलती हैं.

नवंबर से मार्च के बीच यहां घूमना अच्छा माना जाता है, क्योंकि इस समय के दौरान मौसम यात्रा के लिए बहुत उचित रहता है.