इस लीडर की अपील पर थम गई थी पूरी मुंबई

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फेमस मजदूर लीडर और पूर्व केंद्रीय मंत्री जॉर्ज फर्नांडिस का जन्म 3 जून 1930 को मैंगलोर में हुआ था. वो 9 बार लोकसभा सांसद और एक बार राज्यसभा सांसद रहे. चलिए उनके बारे में जानते हैं.

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जॉर्ज जब 16 साल के थे तो क्रिश्चियन मिशनरी  में पादरी बनने की शिक्षा लेने गए थे. लेकिन उनका मन नहीं लगा. साल 1949 में 19 साल की उम्र में वो रोजगार की तलाश में मुंबई चले गए.

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जॉर्ज फर्नांडिस साल 1973 में ऑल इंडिया रेलवेमैन्स फेडरेशन (AIRF) के अध्यक्ष बने. उन्होंने रेलवे कर्मचारियों की सैलरी बढ़ाने के लिए हड़ताल का फैसला किया.

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8 मई 1974 को मुंबई में हड़ताल शुरू हुई. इस हड़ताल से ना सिर्फ आर्थिक राजधानी, बल्कि पूरा देश थम गया. इस हड़ताल में 15 लाख लोगों ने हिस्सा लिया.

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फर्नांडिस के इस हड़ताल में टैक्सी ड्राइवर, इलेक्ट्रिसिटी यूनियन और ट्रांसपोर्ट यूनियन भी शामिल हो गईं. कर्मचारियों ने रेलवे पटरियों पर कब्जा कर लिया.

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आपातकाल के दौरान जॉर्ज फर्नांडिस अंडरग्राउंड रहे. इस दौरान वो मछुआरा, साधु और सिख बनकर आंदोलन चलाते रहे.

साल 1994 में जनता दल छोड़कर समता पार्टी का गठन किया था. इसमें नीतीश कुमार भी शामिल रहे.

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बिहार में साल 1995 विधानसभा चुनाव में समता पार्टी को 7 सीट मिली थी. इसके कुछ दिन बाद जॉर्ज बीमार हो गए और मुंबई के अस्पताल में भर्ती हो गए.

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नीतीश कुमार जॉर्ज से मिलने मुंबई गए. वहां आडवाणी और अटल पहले से मौजूद थे. अगले दिन ही मुंबई में बीजेपी का एक बड़ा सम्मेलन होने वाला था.

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जॉर्ज फर्नांडिस के कहने पर नीतीश कुमार आडवाणी को अस्पताल के बाहर छोड़ने गए. इस दौरान आडवाणी ने उनको बीजेपी के सम्मेलन में शामिल होने का न्योता दिया.

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मुंबई में बीजेपी के सम्मेलन में नीतीश कुमार शामिल हुए और जनता को संबोधित किया और खूब तालियां बटोरीं. इसके बाद बीजेपी और नीतीश के बीच पहली बार गठबंधन हुआ.

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