Photos: PTI
अफीम का इस्तेमाल नशे के लिए तो होता ही है, लेकिन इसके औषधीय प्रयोग भी हैं.
यही कारण है कि कानूनी प्रक्रिया के अधीन रहकर अफीम की खेती की जा सकती है.
अफीम कितनी बड़ी जमीन पर बोई जाएगी इसका फैसला भी सरकार ही करती है.
सरकार की इजाजत के बिना अगर अफीम का एक भी बीज बोया जाता है तो ऐसा करने वाले के खिलाफ कानूनी कार्रवाई हो सकती है.
अगर आप अफीम की खेती करना चाहते हैं तो आपको सेंट्रल ब्यूरो ऑफ नारकोटिक्स में आवेदन देना होता है.
अफीम की खेती जिस जगह करनी है उसकी जानकारी नारकोटिक्स डिपार्टमेंट को देनी होती है. इसके बाद अधिकारी मौके पर पहुंचकर उस जगह का निरीक्षण करते हैं.
इसके बाद वित्त मंत्रालय आपके आवेदन को मंजूर या नामंजूर करता है.
बात करें घर पर खेती करने की, तो आप हर जगह अफीम की खेती नहीं कर सकते. कुछ विशेष जगहों पर ही अफीम की खेती की अनुमति है.
राजस्थान में झालावाड़, भीलवाड़ा, उदयपुर, कोटा, चित्तौड़गढ़ और प्रतापगढ़ में इसकी खेती होती है.
उत्तर प्रदेश में बाराबंकी, जबकि मध्यप्रदेश में नीमच, मंदसौर में अफीम की खेती की जाती है.