देश भर में कैदी जेल में रहते हुए काम में लगे रहते हैं, अपनी क्षमताओं और कौशल के आधार पर विभिन्न कार्यों के माध्यम से पैसा कमाते हैं.
कैदियों को उनके काम के हिसाब से भुगतान किया जाता है. दरें समय-समय पर संशोधित की जाती हैं और राज्यों के बीच अलग-अलग होती हैं.
साल 2021 के जेल सांख्यिकी के मुताबिक, स्किल वाले कैदी (कुशल) वाले कैदियों को रोजाना औसतन 111.17 रुपये मिलते हैं.
थोड़ा बहुत स्किल (अर्ध-कुशल) वाले कैदी को रोजाना औसतन 95.03 रुपये मिलते हैं.
बिना स्किल वाले कैदियों (अकुशल) को रोजाना औसतन 87.63 रुपये मिलते हैं.
जेलों के अंदर, मौद्रिक लेनदेन नियमित मुद्रा के बजाय कूपन के माध्यम से होता है, जो विभिन्न कार्य असाइनमेंट के आधार पर प्राप्त किया जा सकता है.
प्रत्येक जेल में एक सरकारी कैंटीन होती है जो साबुन, टूथपेस्ट और इनरवियर जैसी आवश्यक वस्तुएं प्रदान करती है, जिन्हें कैदियों के कमाए हुए पैसे से खरीदा जा सकता है.
यदि कैदी अपने श्रम से कमाई अर्जित करते हैं, तो वे कुछ हिस्सा घर भेज सकते हैं.