हिंदू धर्म के चार धामों में से एक द्वारका धाम को भगवान श्रीकृष्ण की नगरी कहते हैं. द्वारका धाम गुजरात के काठियावाड क्षेत्र में अरब सागर के समीप स्थित है.
श्रीकृष्ण की द्वारका नगरी के जल विलीन होने की कई पौराणिक कथाएं प्रचलित हैं.
महाभारत में पांडवों की विजय हुई और सभी कौरवों का नाश हो गया था. गांधारी और धृतराष्ट्र के सभी 100 पुत्र मारे गए थे.
अपने जीवित रहते हुए सभी पुत्रों के मर जाने पर गांधारी बहुत व्यधित थीं.
गांधारी ने श्रीकृष्ण भगवान को श्राप दिया कि जिस तरह मेरे वंश में नाम लेनेवाला कोई नहीं बचा, ठीक वैसे ही तुम्हारा वंश भी नहीं बच पाएगा.
गांधारी ने श्राप दिया कि पूरा यदुवंश खत्म हो जाएगा. गांधारी के क्रोध और दर्द की चित्कार से पूरा महल गूंज रहा था.
शास्त्रों के मुताबिक कृष्ण ने अपने 18 साथियों के साथ द्वारका नामक नगर को बसाया. बताया जाता है कि यहां उन्होंने 36 साल तक राज किया. इसके बाद श्रीकृष्ण ने अपने प्राण त्याग दिए.
भगवान कृष्ण के विदा होते ही द्वारका नगरी समुद्र में डूब गई और यादव कुल नष्ट हो गया.
द्वारका के समुद्र में डूबने को लेकर कई मान्यताएं हैं. लेकिन धार्मिक मान्यताओं पर लोग आज भी काफी भरोसा करते हैं.