जानिए कैसे की जाती है वोटों की काउंटिंग

स्ट्रांग रूम का ताला खोलते समय सबूत के तौर पर मतगणना की तड़के सुबह उसकी वीडियोग्राफी की जाती है. इस दौरान उम्मीदवार, रिटर्निंग ऑफिसर, ऑब्जर्वर मौजूद रहते हैं.

जिसके बाद सीसीटीवी कैमरे की निगरानी में ईवीएम को मतगणना केंद्र तक ले जाया जाता है. रिटर्निंग ऑफिसर ये तय करता है, मतगणना का केंद्र क्या होगा.

काउंटिंग से पहले रिटर्निंग ऑफिसर और ARO यानी असिस्टेंट रिटर्निंग ऑफिसर वोट की गोपनीयता बनाए रखने की शपथ लेते हैं.

वोटों की गिनती इलेक्ट्रॉनिकली ट्रांसमिटेड पोस्टल बैलट (ETPB) और पोस्टल बैलट (PB) की गणना से शुरू होती है.

ये वोट RO की सीधी निगरानी में गिने जाते हैं. ETPB और PB की गणना के शुरू होने के आधे घंटे बाद इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (EVMs) में डाले गए वोटों की गणना शुरू होती है.

14 ईवीएम में डाले गए वोट की गिनती हो जाने पर एक राउंड की काउंटिंग पूरी मानी जाती है और हर राउंड का रिजल्ट घोषित किया जाता है.

मतगणना कई राउंड में चलती है. जैसे-जैसे मतगणना पूरी होती जाती है, उस विधानसभा का डाटा इलेक्शन कमीशन की ऑफिशियल वेबसाइट पर अपडेट होता जाता है.

मतगणना के बाद डाटा को कंट्रोल मेमोरी यूनिट में सुरक्षित रखा जाता है. यह तब तक रहता है जब इसे डिलीट न कर दिया जाए.