इंटरनेट टेक्नोलॉजी में 3G, 4G, 5G में G का क्या मतलब, जानिए

भारत में फास्टेस्ट इंटरनेट टेक्नोलॉजी के नाम पर अब 5G का ही जिक्र होता है. 

भारत में 5G लॉन्च होने के बाद टेलीकॉम कंपनियां Jio, Airtel, Vi देश के कोने-कोने तक 5G सर्विस का विस्तार कर रही है. 

5G से पहले भारत में 4G, 3G और 2G का इस्तेमाल हुआ है. आइये जानते हैं कि इनमें G का क्या मतलब होता है. 

इससे पहले बता दें कि इंटरनेट टेक्नोलॉजी क्या है. ये एक वायरलेस कम्युनिकेशन का एक तरीका कहलाती है. जिसे समय के साथ अलग-अलग जनरेशन के साथ लाया गया. 

इंटरनेट टेक्नोलॉजी में 2G, 3G, 4G, 5G में G का मतलब जेनरेशन से है. 

इंटरनेट की पहली जनरेशन 1980 में आई थी. लेकिन भारत में इंटरनेट की शुरुआती सेकंड जनरेशन यानी 2G से हुई थी, इसमें 2.4 kb per second की स्पीड के साथ आती थी. जो यूजर को केवल वॉइस कॉल की सुविधा देती थी. 

तीसरी जनरेशन यानी 3G साल 2001 में आई. इसमें 384 kb per second से 2 Mb per second की स्पीड मिलने लगी. लेकिन भारत में इसकी शुरुआत साल 2008 में हुआ था. 

चौथी जनरेशन 4G की शुरुआत साल 2009 में स्वीडन से हुई. यह भारत में साल 2012 में आई. इसमें यूजर को 100Mb per second की स्पीड मिलती है. 

इंटरनेट की पांचवी जनरेशन 5G का इस्तेमाल सबसे पहले साल 2019 में हुआ. भारत में यह साल 2022 में आई. इस इंटरनेट जेनेरेशन में यूजर्स को 1GB per second की स्पीड मिलती है.