हर साल अनगिनत ज्वालामुखी फटते हैं. इसमें से कुछ ज्यादा प्रभावी होतें तो कुछ कम.
ज्वालामुखी मैग्मा यानी पत्थर से मिलकर बना पहाड़ होता है.
जब धरती के नीचे जियोथर्मल एनर्जी से पत्थर पिघलने लगते हैं तो नीचे से दबाव ऊपर की आता है.
गर्म लावा अधिक तापमान हो जाने के कारण से फैलने लगता है और ऊपर क्रस्ट की लेयर को फाड़कर जमीन में से बाहर आने लगता है.
इसी दबाव से पहाड़ फटता है, जिसे ज्वालामुखी का फटना कहते हैं.
इस घटना के होने पर पहाड़ में मुंह से भारी मात्रा में पिघलते हुए पत्थर, धूल और धुंआ बाहर आता है, जो जानलेवा होता है.
यूएस जियोलॉजिकल सर्वे के अनुसार, हमारे ग्रह पर लगभग 1,500 संभावित सक्रिय ज्वालामुखी मौजूद हैं. मनुष्यों द्वारा रिकॉर्ड रखे जाने के बाद से लगभग 500 ज्वालामुखी फटे हैं.
वैज्ञानिक आए दिन इसके बारे में अलर्ट जारी करते रहते हैं लेकिन बहुतों बार ज्वालामुखी का फटना एकदम अचानक होता है.
ज्वालामुखी कई प्रकार के हो सकते हैं. जिसमें सक्रिय ज्वालामुखी, सुप्त ज्वालामुखी और शांत ज्वालामुखी शामिल हैं.