फ्लाईओवर का निर्माण अक्सर पहले से मौजूद ट्रैफिक वाली सड़क पर किया जाता है.
अधिक ट्रैफिक होने पर जाम से मुक्ति दिलाने के लिए फ्लाईओवर का निर्माण उस रोड पर ही पिलर की मदद से किया जाता है.
फ्लाईओवर की लंबाई उस रूट के ट्रैफिक और वहां की भौगोलिक स्थिति के आधार पर तय की जाती है.
फ्लाईओवर एक या दो किलोमीटर से लेकर पांच से 10 किलोमीटर तक भी लंबे हो सकते हैं.
देश का सबसे लंबा फ्लाईओवपर बंगलुरू का विश्वेश्वरैया फ्लाईओवर है, जिसकी लंबाई 11.6Km है.
ओवर ब्रिज भी सड़क पर ही बने होते हैं. ये ऐसी जगहों पर बने होते हैं जहां रेलवे लाइन और सड़क एक दूसरे को क्रॉस कर रहे होते हैं, जिससे ट्रेन बिना किसी बाधा के गुजर जाए.
इसके अलावा, इन्हे पैदल यात्रियों के सड़क पार करने के लिए भी बनाया जाता है.
ओवर ब्रिज की लंबाई Flyover की तुलना में कम होती है और लागत भी कम आती है.