पुलिस हिरासत - किसी भी सामान्य वजहों से पुलिस व्यक्ति को हिरासत में लेती है. तो 24 घंटे के भीतर उसे छोड़ना होता है.
लेकिन पुलिस अगर किसी ऐसे व्यक्ति को हिरासत में लेती है. जिसे हिरासत में लेना गंभीर मामले की जांच के लिए जरुरी हो. सीआरपीसी की धारा 167 के तहत उसे 24 घंटे के भीतर कोर्ट में पेश करना होता है.
पुलिस अगर कोर्ट में ये मांग करती है कि संबंधित मामले की गंभीरता को देखते हुए उस व्यक्ति को पुलिस अपनी हिरासत में रखना चाहती है. ताकि संबंधित अपराध की जांच के लिए पुलिस पूछताछ, घटना स्थल का दौरा और दूसरी कार्रवाई की जा सके.
पुलिस हिरासत पर कोर्ट उस मामले की गंभीरता के आधार पर आदेश देता है. विशेष मामलों में पुलिस हिरासत को 15 दिन से बढ़ाकर 30 दिन भी किया जा सकता है.
न्यायिक हिरासत - जब संबंधित व्यक्ति को कोर्ट में पेश किए जाने के बाद मजिस्ट्रेट उसे पुलिस को सौंपने की बजाय अपने संरक्षण में रखता है.
तो उसे न्याय की हिरासत यानि न्यायिक हिरासत या ज्यूडिशियल क्सटडी कहते है.
न्यायिक हिरासत में भेजे गए व्यक्ति के संरक्षण की जिम्मेदारी मजिस्ट्रेट की होती है.