जेठमलानी ने वकालत के लाइसेंस के लिए लड़ी लड़ाई

मशहूर वकील राम जेठमलानी का जन्म 14 सितंबर 1923 को सिंध प्रांत के शिकारपुर में हुआ था. 95 साल की उम्र में 8 सितंबर 2019 को उनका निधन हो गया.

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राम जेठमलानी ने 13 साल की उम्र में मैट्रिक पास कर लिया था. जबकि 17 साल की उम्र में एलएलबी की डिग्री हासिल कर ली थी.

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उस समय 21 साल से पहले वकालत का लाइसेंस नहीं मिलता था. लेकिन जेठमलानी के पास डिग्री थी. इसलिए वो कोर्ट चले गए.

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जेठमलानी ने वकालत के लिए सबसे पहली लड़ाई लड़ी. सिंध हाईकोर्ट में उनकी जीत हुई. 18 साल में उनको वकालत का लाइसेंस मिला.

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कोर्ट में प्रैक्टिस से पहले जेठमलानी ने सिंध प्रांत में कुछ दिन तक बतौर प्रोफेसर काम किया था.

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जेठमलानी ने इंदिरा गांधी के हत्यारे, राजीव गांधी के हत्यारे और आसाराम बापू का हाईप्रोफाइल केस लड़ा था.

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जेठमलानी ने हर्षद मेहता, केतन पारेख, जयललिता, हाजी मस्तान और जेसिका लाल हत्याकांड में मनु शर्मा का भी केस लड़ा था.

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राम जेठमलानी सियासत में भी सक्रिय रहे. उन्होंने 1971 और 1977 में मुंबई से लोकसभा सांसद चुने गए थे.

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जेठमलानी साल 1996 में अटल सरकार में केंद्रीय कानून मंत्री भी रहे. इसके बाद साल 1998 में शहरी विकास मंत्री बनाया गया.

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