जानिए प्यार की निशानी "ताजमहल" से जुड़े रोचक तथ्य

प्यार की निशानी ताजमहल का निर्माण 22 साल में हुआ था. ताजमहल का निर्माण शाहजहां ने अपनी पत्नी मुमताज महल के लिए करवाया था.

ताजमहल के निर्माण का कार्य 20,000 से अधिक मजदूरों ने किया था. उस समय ताजमहल के निर्माण में 3.2 करोड़ रुपए का खर्च हुए थे.

ताजमहल के निर्माण सामग्री को 1,000 हाथियों के जरिए लाया गया था. ताजमहल की वास्तु शैली में फारसी, तुर्क, भारतीय एवं इस्लामी वास्तुकला का मिश्रण है.

ताजमहल के निर्माण के लिए विभिन्न एशियाई देशों से बहुमूल्य पत्थरों को लाया गया था. ताजमहल के निर्माण के लिए तिब्बत से नीला रत्न, श्रीलंका से पन्ना और क्रिस्टल को चीन से लाया गया था.

दिल्ली के कुतुब मीनार से बड़ा है ताजमहल. ताजमहल को 1983 में यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल में शामिल किया.

ताजमहल की मीनारें ऐसे बनी हुई हैं कि भूकंप या बिजली गिरने पर ये गुबंद पर नहीं गिर सकती हैं. इस वजह से ये मीनारें थोड़ी झुकी दिखती हैं.

साल 1971 मे भारत और पाकिस्तान युद्ध के दौरान ताजमहल को हर रंग के कपड़े से ढक दिया गया था ताकि दुश्मन की नजर इस पर न पड़े.

यह मकबरा 42 एकड़ की भूमि पर बना हुआ है. इसे बनाते वक्त 28 किस्म के पत्थरों का प्रयोग हुआ था जो बगदाद, अफगानिस्तान, तिब्बत, मिश्र, रूस और ईरान इत्यादि देशों से लाए गए थे.