दीयों को जलाने के पीछे एक बड़ा वैज्ञानिक कारण है. दीया सरसों के तेल का जलाया जाता है, हालांकि कुछ घरों में मोमबत्ती भी जलाई जाती है, लेकिन परंपरा दीया जलाने की है.
रसायन विज्ञान के अनुसार, सरसों के तेल में ऐसे तत्व होते हैं जो पर्यावरण में मौजूद रसायनों के साथ प्रतिक्रिया करते हैं.
सरसों के तेल का दीया जलाने से जहरीले तत्वों, कीड़ों, कीटाणुओं आदि का नाश होता है.
रसायन विज्ञान भी इस बात की पुष्टि करता है कि दिये जलाने से वातावरण शुद्ध होता है.
दीपक जलाने से वातावरण में नमी बढ़ती है. ज्यादा संख्या में दीपक जलाने से वातावरण का ताप बढ़ जाता है.
दिवाली के समय ठंड का मौसम होता है जिस कारण हवा भारी होती है. दीपक जलाने से यह हवा हल्की और साफ हो जाती है.
देशी घी के दीये वातावरण के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं. आजकल महंगाई के दौर में देशी घी के दीपक जलाना सबके लिए आसान नहीं है.
खासकर गाय के घी से दीये जलाना वातावरण को रोगाणुमुक्त रखता है. गाय के देसी घी से दीपक जलाने पर वातावरण शुद्ध रहता है.