ताजमहल से एफिल टावर तक... इन ठगों से कुछ भी नहीं बचा

दुनिया में ऐसे ठग हुए हैं, जिसने ताजमहल, लाल किला, स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी तक को बेच दिया. चलिए दुनिया के 6 बड़े ठगों के बारे में बताते हैं.

Credit: Wikipedia

इटली के चार्ल्स पोंजी ने लोगों को एक दिन में 20 लाख डॉलर का चूना लगाया था. इस ठग के नाम पर ही इन्वेस्टमेंट स्कीम्स को पोंजी स्कीम कहा जाता है.

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जॉर्ज सी पार्कर ने अमेरिका की फेमस इमारतों मैडिसन स्क्वायर गार्डन, ग्रांट का मकबरा और स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी तक को बेच दिया था और पैसे लेकर फरार हो गया था.

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नटवरलाल को भारत का सबसे बड़ा ठग माना जाता है. इसका असली नाम मिथिलेश श्रीवास्तव है. वो जेल में बंद था, लेकिन साल 1996 में फरार हो गया.

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नटवरलाल ने ताजमहल, संसद भवन और लाल किला जैसी ऐतिहासिक इमारतों को बेच दिया था और करोड़ों रुपए ऐंठ लिए थे.

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फ्रेंक एबग्रेल ने चेकों में हेराफेरी करके बैंकों को करोड़ों का चूना लगाया. उसने 26 देशों में हेराफेरी कर करोड़ों रुपए बनाए. लेकिन बाद में वो पकड़ा गया.

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चेकोस्लोवाकिया में पैदा हुए विक्टर को दुनिया के सबसे बड़े ठगों में गिना जाता है. उसने एक शख्स को नोट छापने वाली मशीन बेच दी थी.

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विक्टर ने दुनिया में मशहूर एफिल टॉवर को बेच दिया था. उसे अमेरिका से गिरफ्तार किया गया था. जेल में उसकी मौत हो गई थी.

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रॉबर्ट हेंडी एक कार सेल्समैन था. लेकिन खुद को एमआई 5 का एजेंट बताकर कई लोगों को ठगा था. साल 2005 में उसको उम्रकैद की सजा सुनाई गई.

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