प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लोकमान्य तिलक की 103वीं पुण्य तिथि पर 1 अगस्त को पुणे में लोकमान्य तिलक राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा.
इससे पहले यह पुरस्कार पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी, अटल बिहारी वाजपेयी और मनमोहन सिंह को दिया जा चुका है.
लोकमान्य तिलक राष्ट्रीय पुरस्कार 1983 में शुरू किया गया था.
इस पुरस्कार को हर साल लोकमान्य तिलक की पुण्य तिथि के अवसर पर प्रदान किया जाता है.
बाल गंगाधर तिलक भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन के जनक के रूप में जाने जाते हैं. वे एक शिक्षक, वकील, सामाजिक कार्यकर्त्ता, स्वतंत्रता संग्रामी, नेशनल लीडर थे.
स्वतंत्रता के समय इन्होने कहा था ‘स्वराज्य मेरा जन्म सिद्ध अधिकार है और हम इसे पाकर ही रहेंगें.’ इस नारे ने बहुत से लोगों को प्रोत्साहित किया था.
ट्रस्ट का कहना है कि पीएम मोदी को नागरिकों के बीच देशभक्ति की भावना को बढ़ावा देने के उनके प्रयासों की मान्यता में इस पुरस्कार के 41वें प्राप्तकर्ता के रूप में चुना गया है.
पिछले साल लोकमान्य तिलक राष्ट्रीय पुरस्कार भारत की "मिसाइल महिला" के नाम से मशहूर वरिष्ठ वैज्ञानिक टेसी थॉमस को दिया गया था.