कथाओं के अनुसार, 14 वर्षों तक भगवान राम, सीता, और भाई लक्ष्मण ने कंदमूल खाकर अपना जीवन व्यतीत किया था.
दरअसल, इसे खाने के बाद जल्दी भूख नहीं लगती थी.
कंदमूल फल खाने से पेट लंबे समय तक भरा रहता था और ऊर्जा मिलती थी.
कंदमूल को कई स्थानों पर राम फल के नाम से भी जाना जाता है.
यह कंदमूल भूमि के गर्भ में लौकी के आकार का होता है. जिसका वजन करीब दो किलो से दस किलो तक का होता है.
इसकी बाहरी सतह गेरु रंग का होता है और भीतर में सफेद होता है. इसका स्वाद मीठा और ठंडा होता है.
यह एक जंगली फल है जिसकी खेती नहीं हो सकती, क्योंकि यह खेतों और जंगलों में अपने आप उग जाता है.