मतगणना के दौरान कई बार ऐसी स्थिति बनती है जब फैसला लेना मुश्किल हो जाता है.
अगर मतगणना में एक सीट पर दो उम्मीदवारों को बराबर से वोट मिलें, तो कैसे तय होगा कि कौन विजेता है. आइए जानें.
संविधान का रीप्रेजेंटशन ऑफ द पीपुल एक्ट का सेक्शन 102 कहता है, बराबर से वोट मिलने पर चुनाव आयोग लॉटरी कराता है.
संविधान में दो उम्मीदवारों के बीच फैसला करने के लिए सिक्का उछालने का प्रावधान है.
लॉटरी जिस उम्मीदवार के पक्ष में आती है उसे एक अतिरिक्त वोट मान लिया जाता है.
इस तरह लॉटरी के जरिए एक वोट बढ़ने पर उसे विजेता घोषित कर दिया जाता है.
अगर कैंडिडेट को लगता है कि मतगणना में कोई गड़बड़ी हुई है तो वो री-काउंटिंग के लिए कह सकता है, लेकिन ऐसा करते समय उसे इसकी वाजिब वजह भी बतानी होगी.
अब तक ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं, जब एक ही सीट पर दो उम्मीदवारों को बराबर वोट मिले थे.