कई बार हमारे दिमाग में यह सवाल उठता है कि आखिर हमारे आंखों के रंग के पीछे की वजह क्या है?
आइए जानते है कि लोगों की आंखों का रंग अलग अलग क्यों होता है.
हमारी आंखों का रंग हमारी पुतली में मौजूद मेलानिन की मात्रा के मुताबिक तय होता है.
आंखों के रंग के लिए OCA2 और HERC2 जीन्स जिम्मेदार होते हैं, जो हमारी आंखों का रंग तय करते हैं.
दुनियाभर में नीली रंग के आंखों वाले लोगों की संख्या कम होती है.
पूरे विश्व में ज्यादातर लोगों की आंखों का रंग भूरा ही पाया जाता है.
दुनियाभर में 2 फीसदी लोगों की आंखों का रंग हरा होता है.
इसके अलावा 1 फीसदी से भी कम लोगों की आंखों का रंग ग्रे होता है.
कुछ लोगों की आंखों का रंग अलग अलग होता है जिसे हेट्रोक्रोमिया के नाम से जाना जाता है.
वैज्ञानिकों के मुताबिक इंसानों की आंखों का रंग काफी तेजी से बदलता है, जैसे कि बच्चा नीली आंखें लेकर पैदा होता है पर बाद में उसकी आंखों का रंग भूरा हो जाता है.