जानें गणेश चतुर्थी पर चांद को देखना क्यों माना जाता है अशुभ

भाद्रपद महीने के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को भगवान गणेश का जन्मोत्सव मनाया जाता है. साल 2023 में गणेश चतुर्थी 19 सितंबर को है.

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गणेश चतुर्थी के चांद को नहीं देखा जाता. ऐसी मान्यता है कि ये चांद देखने से व्यक्ति पर कलंक लगता है.

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पौराणिक कथा के अनुसार, भगवान गणेश जब गजमुख लगाया गया और उन्हें प्रथम पूज्य होने का आशीर्वाद मिला तो उस समय वहां सभी देवी-देवता उपस्थित थे.

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सभी देवताओं ने गणेश जी की स्तुति की. लेकिन वहां मौजूद चंद्रमा उन्हें देखकर मंद-मंद मुस्कुराते रहे जैसे वे उनका मजाक उड़ा रहे हों.

गणेश जी ने यह देखा तो वे समझ गए कि चंद्रमा को अपनी सुंदरता पर अभिमान है. क्रोध में आकर श्रीगणेश ने चंद्रमा को काले होने का श्राप दे दिया.

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चंद्रमा को भूल का एहसास हुआ और उन्होंने श्रीगणेश से क्षमा मांगी. गणेश जी ने कहा कि सूर्य के प्रकाश को पाकर तुम एक दिन के लिए पूर्ण दिखोगे. लेकिन...

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चतुर्थी का यह दिन तुम्हें दण्ड देने के लिए हमेशा याद किया जाएगा. जो भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी के दिन तुम्हारे दर्शन करेगा, उस पर झूठा आरोप लगेगा.

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तब से आज तक गणेश चतुर्थी की रात चंद्रमा को नहीं देखा जाता. इसी कारण इस चतुर्थी को कलंक चतुर्थी भी कहा गया है.  

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