छठ महापर्व आस्था का महापर्व है. छठ व्रत कठिन व्रतों में से एक माना जाता है.
इस दिन उगते और डूबते सूर्य को अर्घ्य देने का विधान है. इस दिन महिलाएं अपनी संतान और सुहाग की लंबी उम्र के लिए 36 घंटे का निर्जला व्रत रखती हैं.
इस पर्व का समापन उगते सूर्य देव को अर्घ्य देकर व्रत पारण किया जाता है.
सुहाग के प्रतीक सिंदूर का छठ पर्व में बहुत खास महत्व होता है.
छठ पूजा के दौरान महिलाएं 16 श्रृंगार के साथ ही नाक से मांग तक सिंदूर लगाती हैं.
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सिंदूर सुहागिन महिला की निशानी होता है और नाक से मांग तक सिंदूर भरने का मतलब पति की लंबी उम्र की कामना करना है.
ऐसा माना जाता है महिलाएं जितना लंबा सिंदूर लगाती हैं उनके पति की आयु ही लंबी होती है.