देवताओं में क्यों खास होते हैं कुलदेवता?

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हिन्दू धर्म में अकसर देखा गया है कि हम कोई भी शुभ काम करने से पहले कुलदेवी या कुलदेवता की पूजा करते हैं.

हिन्दू परिवार में कुलदेवी या कुलदेवता उनके धार्मिक, सामाजिक, सांस्कृतिक और आध्यात्मिक जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा होते हैं. 

ये वो देवी और देवता होते हैं जिनकी पूजा कुल या परिवार के लोग अपने पूर्वजों के समय से करते आ रहे होते हैं.

लेकिन हममें से कई लोग तब भी नहीं पता होता है कि आखिर कुलदेवी और कुलदेवता हैं कौन. तो चलिए जानते हैं कि आखिर कुलदेवी और कुलदेवता हैं कौन.

बता दें कि, ‘कुल’ का अर्थ होता है परिवार या जाति, और उससे जुड़े ‘देवी’ या ‘देवता’ को कुलदेवी और कुलदेवता कहते हैं.

कहा जाता है कि, हिन्दू सभ्यता में हर व्यक्ति किसी न किसी देवी, देवता या ऋषि का वंशज है, जिसकी पूजा सदियों से उनके पूर्वज करते आ रहे है.

ये कुलदेवी या देवता उनके वंश और गोत्र से जुड़े होते हैं. और हमारे पूर्वज होते हैं. 

कहा जाता है कि कुलदेवी और कुलदेवता परिवार की रक्षा करते हैं और उनकी समृद्धि में योगदान देते हैं.

इसलिए उनके आह्वान के बिना किसी भी परिवार में कोई भी शुभ कार्य, पूजा या शादी नहीं की जाती. कहा जाता है कि अगर कुलदेव नाराज हो जाएं तो घर-परिवार में कई तरह के संकट आ सकते हैं.