कुंभ मेला तीन तरह का होता है. अर्ध कुंभ, कुंभ और महाकुंभ.
अर्ध कुंभ का आयोजन हर 6 साल में किया जाता है और कुंभ का आयोजन हर 12 साल में होता है. जबकि महाकुंभ करीब 144 साल में एक बार लगता है.
कुंभ का आयोजन भारतवर्ष में मुख्य रूप से 4 स्थानों पर होता है. इनमें हरिद्वार, उज्जैन, प्रयागराज और नासिक शहर शामिल हैं.
कुंभ मेले का आयोजन कब और कहां किया जाएगा, इसका निर्धारण ग्रहों और राशियों की स्थिति देखकर किया जाता है.
कुंभ मेले की तिथि को निर्धारित करने में सूर्य और गुरु को अहम माना जाता है.
गुरु जब वृष राशि में होते हैं और सूर्य मकर राशि में होते हैं तो मेले का आयोजन प्रयागराज में होता है.
सूर्य तब मेष राशि और गुरु कुंभ राशि में होते हैं तो कुंभ हरिद्वार में लगता है.
सूर्य और गुरु जब सिंह राशि में होते हैं तो महाकुंभ मेला नासिक में लगता है.
जब गुरु सिंह राशि में और सूर्य मेष राशि मं होते हैं तो कुंभ का आयोजन उज्जैन में होता है.