भारत का वह प्रधानमंत्री जिसने बैंक से लोन लेकर खरीदी थी कार
भारत के दूसरे प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री को आज भी उनके साहस, ईमानदारी और दृढ़ता के लिए जाना जाता है.
उन्होंने भारत की कमान तब संभाली जब देश में गरीबी, भुखमरी और सांप्रदायिक तनाव का माहौल था. उन्होंने देश को इस माहौल से निकालने में अहम भूमिका निभाई.
देश के महान राजनेता होने के अलावा, व्यक्तिगत तौर पर भी लाल बहादुर शास्त्री बहुत ही अलग इंसान थे और उनके कुछ किस्सों से पता चलता है कि ईमानदारी और सच्चाई उनके जीवन के अहम पहलू थे.
शास्त्री जी बहुत ही सादा जीवन जीते थे. प्रधानमंत्री बनने के बाद भी उनके इस जीवन में कोई बदलाव नहीं आया था.
आजादी के आंदोलन के समय शास्त्री जी कई बार जेल गए थे. एक बार जेल में रहते हुए उन्हें पता चला कि उनकी पत्नी ने 50 रुपए की पेंशन में से 10 रुपए की बचत की है.
इसके बाद उन्होंने अपनी पेंशन 10 रुपए कम करा दी और कहा कि इस पैसे को जरूरतमंदों को दिया जाए.
बताया जाता है कि उन्होंने अपने बेटे का प्रमोशन इसलिए रुकवा दिया था क्योंकि यह सिर्फ उनके पीएम होने की वजह से मिल रहा था.
इसी तरह उनके पीएम बनने के बाद घरवालों ने कार खरीदने की सोची. लेकिन शास्त्री जी को पता चला कि नई फिएट कार 12,000 रुपये की है.
तब उनके परिवार के पास बैंक में केवल 7,000 रुपये थे. उन्होंने पीएनबी बैंक से 5,000 रुपये का लोन लिया.
लेकिन शास्त्री जी की मौत के समय लोन की यह धनराशि बैंक को पूरी चुकाई नहीं जा सकी थी. बाद में, उनकी पत्नी, ललिता शास्त्री ने पेंशन के पैसे से इस लोन को चुकाया.