जानें कैसे हुई थी हिंदी पत्रकारिता दिवस की शुरुआत 

हर साल आज के दिन यानी 30 मई को हिन्दी पत्रकारिता दिवस मनाया जाता है. माना जाता है कि हिन्दी पत्रकारिता का उद्भव 'उदन्त मार्तण्ड के साथ हुआ.

इस हिंदी भाषी अखबार का पहला प्रकाशन कोलकाता से शुरू हुआ. उदन्त मार्तण्ड साप्ताहिक पत्रिका के रूप में शुरू हुआ था.

यूपी के कानपुर जिले में जन्मे और पेशे से वकील पंडित जुगल किशोर शुक्ल इसके संपादक थे. 1820 के युग में बंग्ला, उर्दू और कई भारतीय भाषाओं में पत्र प्रकाशित हो चुके थे.

1819 प्रकाशित बंगाली दर्पण के कुछ हिस्से हिन्दी में भी प्रकाशित हुआ करते थे, लेकिन हिन्दी के पहले अखबार होने का गौरव ‘‘उदन्त मार्तण्ड’’ को प्राप्त है.

'उदन्त मार्तण्ड' क्रांतिकारी अखबारों में से एक था. ये साप्ताहिक अखबार ईस्ट इंडिया कंपनी की दमनकारी नीतियों के खिलाफ खुलकर लिखता था.

ईस्ट इंडिया कंपनी के खिलाफ खबरें छापने के चलते अंग्रेजी सरकार ने इस अखबार के प्रकाशन में अड़ंगे लगाना शुरू कर दिया था.

फिर भी पंडित जुगल किशोर शुक्ल झुके नहीं, वे हर सप्ताह अखबार में और धारदार कलम से अंग्रेजों के खिलाफ लिखते.  

'उदन्त मार्तण्ड' के पहले अंक में 500 प्रतियां छापी गई थीं. उस समय इस साप्ताहिक अखबार के ज्यादा पाठक नहीं थे.

इसका कारण था इसकी भाषा हिंदी होना, चूंकि ये अखबार कोलकाता से निकलता था, और वहां हिंदी भाषी कम थे इसलिए इसके पाठक न के बराबर थे.

फिर भी पंडित जुगल किशोर इसे पाठकों तक पहुंचाने के कड़ी जद्दोजेहद करते थे इसके लिए वे इसे डाक से अन्य राज्यों में भेजने की कोशिश करते थे.