वकीलों और जजों को आपने काला कोट पहने हुए देखा होगा. वकील और जज काला कोट और सफेद शर्ट व उसके साथ काली पैंट पहनते हैं.
वकीलों और जजों को देखकर आपके दिमाग में यह बात जरूर दौड़ती होगी कि आखिर वह काला कोट क्यों पहनते हैं? आइए जानते हैं इसके पीछे क्या है वजह.
काला कोट को अनुशासन और आत्मविश्वास का प्रतीक माना गया है. यह ताकत और अधिकार का भी प्रतीक है.
काले रंग का संबंध आज्ञा का पालन करना व न्याय के अधीन होने से भी है. इसलिए सभी वकीलों व जजों को न्याय के अधीन माना गया है.
दूसरे अन्य प्रोफेशन की तुलना में काला कोट वकीलों व जजों को एक अलग पहचान देता है.
आपने कई बार वकीलों की शर्ट में सफेद रंग का बैंड भी देखा होगा. यह बैंड पवित्रता और भोलेपन का प्रतीक होता है, जो किसी भी वकील के लिए अहम माना जाता है.
काला रंग इस बात का प्रतीक है कि अदालत की कार्रवाही के दौरान वकील बिना किसी भेदभाव के न्याय के लिए लड़ेंगे.
साल 1961 में बने एडवोकेट एक्ट नियम के तहत भी वकीलों के लिए काला कोट पहनना अनिवार्य है.