जानवरों की आंखें, इंसानों की आंखों से काफी अलग होती हैं. उनकी आंखें प्रकृति ने ऐसी बनाई हैं जिससे वो अंधेरे या कम रोशनी में भी आराम से देख सकें.
इन जानवरों को रात में देखने की आवश्यकता इसलिए पड़ती है ताकि जिससे वों शिकार कर सकें या फिर शिकारी से बच सकें.
आमतौर पर बिल्लियों और उन्हीं के प्रजाति के जानवरों की आंखें अंधेरे में चमकती हैं. इनमें बिल्ली, शेर, बाघ, चीता आदि जानवर शामिल हैं.
जानवरों की आंखों के रेटिना के पीछे एक टिशू होता है जिसे टेपटम लूसिडम कहते हैं.
ये टिशू इंसानों में नहीं होता. इसे आईशाइन भी कहा जाता है. ये टिशू रोशनी को ग्रहण करता है और इसे सिग्नल बनाकर दिमाग को भेजता है.
इससे अंधेरे में दिमाग सामने दिख रही चीजों की साफ तस्वीर बनाने में कामयाब होता है. इसी टिशू के कारण आंखें अंधेरे में चमकती हैं.
इससे जानवरों को कोई भी तस्वीर साफ नजर आ जाता है. हर जानवर की आंखें नहीं चमकती हैं.