इस दिन लगेगा साल का पहला चंद्र ग्रहण, ये लोग रहें सतर्क

सूर्य ग्रहण में चंद्रमा सूर्य और पृथ्वी के बीच आ जाता है. हालांकि,चंद्र ग्रहण के लिए यह थोड़ा अलग है.

चंद्रग्रहण इस खगोलीय स्थिति को कहते है जब चन्द्रमा पृथ्वी के ठीक पीछे उसकी प्रच्छाया में आ जाता है.

चंद्र ग्रहण पूर्ण या आंशिक हो सकता है.आंशिक चंद्र ग्रहण तब होता है जब चंद्रमा का एक खंड पृथ्वी की छाया से होकर गुजरता है.

आंशिक ग्रहणों के दौरान, चंद्रमा के किनारे पर पृथ्वी की छाया अक्सर काफी काली दिखाई देती है.

पृथ्वी से क्या देखा जा सकता है यह इस बात पर निर्भर करता है कि सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा कैसे एक रेखा में आ जाते हैं.

चंद्र ग्रहण तुला राशि और स्वाति नक्षत्र में लगेगा. यह एक उपच्छाया चंद्र ग्रहण होगा, जो भारत में दिखाई नहीं देगा तो सूतक काल भी मान्य नहीं होगा.

हर चंद्र ग्रहण शुरू होने से पहले चंद्रमा धरती की उपच्छाया में प्रवेश करता है, जिसे चंद्र मालिन्य कहा जाता है.

अक्सर चंद्रमा धरती की उपच्छाय में प्रवेश कर वहीं से बाहर निकल जाता है और उसका स्वरूप धुंधला सा दिखाई देने लगता है. इसे उपच्छाया चंद्र ग्रहण कहा जाता है.

चंद्र ग्रहण 5 मई को भारतीय समयनुसार 8 बजकर 44 मिनट से लेकर मध्य रात्रि करीब 1 बजकर 2 मिनट तक रहेगा.

यानी कि कुल 4 घंटे 15 मिनट तक ग्रहण रहेगा.साल का पहला चंद्र ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा.

यह चंद्र ग्रहण यूरोप, मध्य एशिया, ऑस्ट्रेलिया, अफ्रीका, अटलांटिक, हिंद महासागर और अंटार्कटिका जैसी जगहों पर दिखाई देगा.