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प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ में करोड़ों श्रद्धालुओं के साथ नागा साधु भी शिरकत कर रहे हैं. इस दौरान लाखों नागा साधु अमृत स्नान करेंगे.
नागा साधु अपनी तप, साधना और भक्ति के लिए के साथ-साथ अपनी शस्त्र कला और युद्ध कौशल के लिए भी जाने जाते हैं.
नागा साधु हथियारों की भी ट्रेनिंग लेते हैं. चलिए आपको बताते हैं कि वो किन-किन हथियारों की ट्रेनिंग लेते हैं.
नागा साधु योद्धाओं की तरह तैयार किए जाते हैं, ताकि धर्म को जब जरूरत पड़े तो ये खड़े हो सकें.
नागा साधुओं को लाठी चलाना, भाला चलाना, बंदूक चलाना, कुश्ती करना सिखाया जाता है.
नागा अखाड़ों के आश्रम और मंदिरों में रहते हैं. इसके अलावा नागा साधु पहाड़ गुफाओं में जीवन बिताते हैं.
नागा साधु ठंड से बचने के लिए अपने शरीर पर श्मशान का भभूत लगाते हैं.
नागा साधु अपना पूरा जीवन भगवान को समर्पित कर देते हैं. इन साधुओं में से जिसने ज्ञान में पीएचडी की होती है, उन्हें महामंडलेश्वर की उपाधि दी जाती है.
महंत जो अखाड़ों की व्यवस्था को चलाते हैं और धर्म को बचाने के लिए नागा साधुओं का एक झुंड बनाया जाता है.