महाकुंभ में डुबकी लगाने के नियम 

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दुनिया का सबसे बड़ा मेला संगम नगरी प्रयागराज में लग रहा है. प्रयागराज में गंगा, यमुना और सरस्वती का संगम होता है.

महाकुंभ हर 12 साल में होता है. इस बार कुंभ मेला 13 जनवरी 2025 से शुरू हो जाएगा. महाकुंभ की तैयारी लगभग पूरी हो चुकी है.

महाकुंभ में डुबकी लगाने का विशेष महत्व होता है. करोड़ों श्रद्धालु कुंभ में गंगा में डुबकी लगाने आते हैं.

महाकुंभ में गंगा में कितनी डुबकी लगाना सही रहता है? उस दौरान कौन-सा मंत्र जपना चाहिए.

महाकुंभ में गंगा में डुबकी लगाने के कुछ नियम हैं. आइए उन नियमों के बारे में जान लेते हैं.

कहा जाता है कि कुंभ के दौरान गंगा में डुबकी लगाने से सभी पाप धुल जाते हैं. गंगा में नहाने से मोक्ष मिल जाता है.

महाकुंभ में शाही स्नान के दिन सांधु-संतों के स्नान के बाद गंगा में जाएं. उसके बाद लोगों को स्नान करना चाहिए.

माना जाता है कि महाकुंभ में गंगा में कम से कम डुबकी तो लगानी चाहिए. इससे ज्यादा डुबकी भी लगा सकते हैं.

कुंभ में गंगा में डुबकी लगाते समय गंगे च यमुने चैव गोदावरी सरस्वती, नर्मदे सिंधु कावेरी जलेस्मिन सन्निधिं कुरू मंत्र का जाप करें.

महाकुंभ लगभग 45 दिनों तक चलेगा. पहला अमृत स्नान 13 जनवरी को होगा. वहीं अंतिम अमृत स्नान 26 फरवरी को होगा. उसके बाद महाकुंभ का समापन हो जाएगा.

नोट-यहां बताई गई बातें सामान्य जानकारी पर आधारित हैं. Gnttv.com इसकी पुष्टि नहीं करता है.