मेजर सोमनाथ शर्मा: जान देकर बचाया था कश्मीर को
By: Nisha
परमवीर चक्र पाने वाले भारतीय सेना के पहले अफसर थे मेजर सोमनाथ शर्मा.
सोमनाथ शर्मा, पंजाब के कांगड़ा (आज के हिमाचल प्रदेश) में 31 जनवरी 1923 को जन्मे थे.
ग्रेजुएशन के बाद, सोमनाथ सेना की 19वीं हैदराबाद रेजिमेंट की 8वीं बटालियन में शामिल हुए.
सोमनाथ शर्मा ने ब्रिटिश इंडियन आर्मी की ओर से दूसरे विश्वयुद्ध में भाग लिया था.
साल 1947 में पाकिस्तान ने कश्मीर पर हमला बोला और इसे रोकने के लिए भारतीय सेना की एक टुकड़ी कश्मीर घाटी पहुंची.
मेजर सोमनाथ को उस समय कश्मीर घाटी में तैनाती का आदेश मिला और वह अपनी डी कंपनी के साथ बड़गाम पहुंचे.
उस समय हॉकी खेलते हुए हाथ में चोट लगने के कारण सोमनाथ शर्मा के हाथ पर प्लास्टर चढ़ा था लेकिन वह युद्ध से पीछे नहीं हटे.
अपने सैनिकों के साथ उन्होंने 700 आतंकियों और पाकिस्तानी सैनिकों का सामना किया और एक हाथ में मशीन गन थामकर दुश्मन को कड़ा जवाब दिया.
मेजर शर्मा और उनकी टुकड़ी एक इंच भी पीछे नहीं हटी और दुश्मन को आगे नहीं बढ़ने दिया.
आखिरी सांस तक सोमनाथ शर्मा ने मोर्चा संभाला और उनकी वीरता के कारण दुश्मन को कश्मीर से भागना पड़ा.
इसके बाद 21 जून 1950 को मेजर सोमनाथ शर्मा को देश के पहले परमवीर चक्र से सम्मानित किया गया.