कौन हैं दिल्ली को 'लाइफलाइन' देने वाले मेट्रोमैन ई श्रीधरन 

ई. श्रीधरन एक भारतीय इंजीनियर हैं जिन्होंने कोंकण रेलवे और दिल्ली मेट्रो के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. उन्हें मेट्रो मैन" के नाम से जाना जाता है.

भारत में लाखों लोग पब्लिक ट्रांसपोर्ट पर निर्भर हैं और भारत के पब्लिक ट्रांसपोर्ट का चेहरा बदलने का श्रेय इस उद्यमी इंजीनियर को जाता है.

श्रीधरन ने इंजीनियरिंग कॉलेज में लेक्चरर के रूप में अपना करियर शुरू किया था और फिर उन्होंने इंजीनियरिंग सर्विस एग्जाम (ESE) पास करके भारतीय इंजीनियरिंग सेवा जॉइन की.

1964 में उन्हें अपने करियर की पहली बड़ी चुनौती का सामना करना पड़ा जब एक चक्रवात ने तमिलनाडु में पंबन ब्रिज को क्षतिग्रस्त कर दिया.

इस पुल को बहाल करने का प्रभारी उन्हें बनाया गया था. इस काम को करने के लिए उन्हें छह महीने मिले थे. लेकिन उन्होंने इस काम को 46 दिनों के भीतर पूरा करके मिसाल कायम की. 

उनकी प्रतिभा को देखते हुए उन्हें कोलकाता मेट्रो की योजना बनाने और डिजाइन करने के लिए प्रभारी बनाया गया था, जो भारत में पहली मेट्रो थी.

इसके बाद उन्होंने लगातार देश में पब्लिक ट्रांसपोर्ट को बेहतर बनाने पर काम किया. अपनी कड़ी मेहनत और दृढ़ संकल्प के साथ श्रीधरन ने भारत में इंजीनियरिंग के नए आयाम स्थापित किए.

साल 1979 में वह कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड में शामिल हुए, जो भारत की सबसे बड़ी जहाज निर्माण और रखरखाव की सर्विस देती है.

श्रीधरन के निर्देशन में यह एजेंसी आगे बढ़ी और 1981 में अपना पहला जहाज एमवी रानी पद्मिनी लॉन्च किया. इसके बाद, जुलाई 1987 में पश्चिम रेलवे के महाप्रबंधक बने.

कुछ साल बाद उन्हें सदस्य इंजीनियरिंग, रेलवे बोर्ड और भारत सरकार के पदेन सचिव के पद पर पदोन्नत किया गया.  

इसके बाद, उन्हें दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (DMRC) का प्रबंध निदेशक बनाया गया. और एक बार फिर उन्होंने अपनी क्षमता साबित की.

उन्होंने दिल्ली मेट्रों के सभी चरण उनके लक्षित समय और बजट में पूरे किए थे. दिल्ली मेट्रो की अभूतपूर्व सफलता ने उन्हें एक राष्ट्रीय हस्ती बना दिया.