माफिया मुख्तार के गुनाहों की फाइल पढ़ सिहर उठेंगे आप

एक वो समय था जब अपराध की दुनिया में मुख्तार अंसारी की तूती बोलती थी और आज एक समय है जब उसके एक-एक गुनाहों की उसको सजा मिल रही है. 

आज गाजीपुर की एमपी/एमएलए कोर्ट ने मुख्तार को गैंगस्टर एक्ट से जुड़े मामले में सजा सुनाई और 5 लाख का जुर्माना भी लगाया. न सिर्फ मुख्तार बल्कि उसके भाई अफजाल अंसारी को भी कोर्ट ने 4 साल की सजा सुनाई.

कृष्णानंद राय हत्याकांड और व्यापारी नंदकिशोर रूंगटा अपहरण के बाद मुख्तार पर गैंगस्टर एक्ट का मामला दर्ज किया गया था. चलिए बताते हैं क्या था वह मामला.


कोयला व्यापारी और VHP कोषाध्यक्ष नंदकिशोर रूंगटा को जनवरी 1997 में घर से अपहरण कर लिया गया और परिवार से 5 करोड़ की फिरौती मांगी गई. परिवार ने किसी तरह 1.5 करोड़ दिए भी लेकिन रूंगटा की हत्या कर दी गई.

साल 2002 में अफजाल अंसारी को हराकर कृष्णानंद राय भाजपा से विधायक बने लेकिन भाई की हार मुख्तार अंसारी को नागवार गुजरी. 

चुनाव के तीन साल बाद 29 नवंबर 2005 को भाजपा विधायक कृष्णानंद राय एक कार्यक्रम में शामिल होकर लौट रहे थे.


रास्ते में घात लगाए हमलावरों ने भाजपा विधायक कृष्णानंद के काफिले पर AK-47 से 500 गोलियां दागी. दिल दहला देने वाली इस घटना में विधायक समेत 7 लोग मारे गए.

विधायक को 67 गोली लगी और शरीर छलनी हो गया. जब यह घटना हुई उस समय मुख्तार जेल में था लेकिन वहीं से उसने हत्या की साजिश रची. 

 यूपी में 52 मामलों में नामजद मुख्तार अपने कर्मों की सजा भुगता रहा है और 17 साल से जेल में बंद है.