मुंशी प्रेमचंद: हिंदी के महान कहानीकार, जिन्होंने लोगों की जिंदगी को छुआ 

Photo: Munshi Premchand Website

भारत के मशहूर लेखक और उपन्यासकार, मुंशी प्रेमचंद का जन्म 31 जुलाई 1880 को उत्तर प्रदेश में हुआ था. 

उनका जन्म का नाम धनपत राय श्रीवास्तव था और उनका उपनाम 'नवाब राय' था लेकिन उन्होंने इसे बदलकर 'प्रेमचंद' कर लिया और 'मुंशी' शब्द सम्मान में लगा दिया गया. 

उन्होंने एक दर्जन से ज्यादा उपन्यास लिखे और 300 से ज्यादा लघू कहानियां, निबंध और बहुत से विदेशी भाषाओं के साहित्य का हिंदी में अनुवाद किया. 

उनकी मशहूर रचनाओं में गोदान, गबन, शतरंज के खिलाड़ी, निर्मला, पूस की रात और ईदगाह आदि शामिल हैं. 

हिंदी, उर्दू और फारसी भाषा में पारंगत मुंशी प्रेमचंद की पांच कहानियों का पहला संकलन साल 1907 में 'सोज़-ए-वतन' में पब्लिश हुआ

अपने करियर की शुरुआत में, उन्होंने स्कूल टीचर की नौकरी भी की ताकि घर-परिवार चला सकें. लेकिन 10921 में गांधी जी के आह्वान पर उन्होंने नौकरी छेड़कर देश के लिए लिखना शुरू किया. 

उन्होंने 1923 में बनारस में 'सरस्वती प्रेस' की स्थापना की और उन्होंने अपनी साहित्यिक-राजनीतिक मैगजीन, हंस की शुरुआत की. 

उनकी इस मैगजीन का उद्देश्य भारतीयों को अंग्रेजी हुकुमत के खिलाफ क्रांति लाने के लिए जागरूक करना था. 

मुंशी प्रेमचंद ने हमेशा ही धरातल की कहानियां लिखीं और असल जिंदगी के सच को अपनी कहानियों में उतारा.