ये खिलाड़ी बन गए अपने खेल का चेहरा

भारत में कई ऐसे खिलाड़ी हुए हैं, जो अपने खेल की बदौलत उस खेल का चेहरा बन गए हैं. चलिए उन खिलाड़ियों के बारे में बताते हैं.

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मेजर ध्यानचंद को हॉकी का जादूगर कहा जाता है. उन्होंने भारतीय हॉकी को बुलंदी तक पहुंचाया. उनकी मौजूदगी में भारत ने 1928, 1932, 1936 ओलंपिक में हॉकी में गोल्ड जीता.

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भारत के धावक मिल्खा सिंह को पाकिस्तानी जनरल अयूब खान ने फ्लाइंग सिख कहा था. CWG में भारत के लिए पहला गोल्ड मेडल जीता था. उन्होंने 4 बार एशियन गेम्स में गोल्ड जीता.

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शूटिंग में अभिनव बिंद्रा युवा खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा हैं. उन्होंने 2008 में बिजिंग ओलंपिक में गोल्ड पर निशाना लगाया था.

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नीरज चोपड़ा जैवलिन थ्रो में भारत का चमकता सितारा हैं. उन्होंने टोक्यो ओलंपिक में गोल्ड के साथ वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप में भी गोल्ड जीता है.

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बॉक्सर मैरी कॉम हर युवा के लिए प्रेरणा हैं. उन्होंने साल 2012 में लंदन ओलंपिक में ब्रॉन्ज मेडल जीता था. वर्ल्ड चैंपियनशिप में उन्होंने 6 बार गोल्ड जीता है.

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वेटलिफ्टिंग में कर्णम मल्लेश्वरी ओलंपिक मेडल जीतने वाली पहली भारतीय महिला हैं. साल 2000 में सिडनी ओलंपिक में उन्होंने ब्रॉन्ज मेडल जीता था.

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विश्वनाथन आनंद को भारत में चेस का चेहरा माना जाता है. उनको 6 बार चेस ऑस्कर अवॉर्ड मिल चुका है.

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बैडमिंटन की बात होगी तो प्रकाश पादुकोण का नाम जरूर आएगा. वर्ल्ड नंबर 1 रैंक हासिल करने वाले भारत के पहले बैडमिंटन स्टार हैं.

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भारत में टेनिस का नाम आता है तो लिएंडर पेस का नाम जरूर आता है. 1996 ओलंपिक में उन्होंने ब्रॉन्ज मेडल जीता था. उन्होंने करीब डेढ़ दर्जन ग्रैंड स्लैम टाइटल दिलाए हैं.

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भारत में बिलियर्ड्स एंड स्नूकर का चेहरा पंकज आडवाणी हैं. वो 25 बार वर्ल्ड टाइटल जीत चुके हैं.

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