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नवरात्रि हिंदू धर्म का एक अहम त्योहार है. नौ दिन तक चलने वाला ये त्योहार देवी दुर्गा की आराधना और आस्था का प्रतीक है.
नवरात्रि में जौ बोए जाते हैं. जौ बोने की परंपरा सदियों से चली आ रही है. हम सभी ने कलश के सामने मिट्टी में जौ को उगते हुए देखा है.
नवरात्रि के दौरान जौ क्यों बोए जाते हैं. आइए इसका महत्व जानते हैं.
जौ का बौना न सिर्फ धार्मिक आस्था से जुड़ा हुआ है बल्कि इसके पीछे कई वैज्ञानिक तर्क भी हैं.
पौराणिक मान्यता के अनुसार, जब भगवान ब्रह्मा ने संसार की रचना की. तब जौ को सबसे पहली फसल के रूप में धरती पर भेजा. इसे फसल की नई शुरुआत का प्रतीक भी माना जाता है.
अन्न को ब्रह्म के समान और जौ को अन्नपूर्णा का प्रतीक माना गया है. कहा जाता है कि नवरात्रि के दौरान इसे बोने से देवी मां का आशीर्वाद मिलता है.
साल में नवरात्रि दो बार मनाई जाती है, चैत्र नवरात्रि सर्दी और शारदीय नवरात्रि. मौसम में बदलाव होने के कारण फसलों की गुणवत्ता की जांच जौ से की जाती है.
जौ सबसे पहला अनाज होता है जो अंकुरित होता है. इससे किसान यह अनुमान लगा सकते हैं कि उनकी जमीन कितनी अच्छी है.
जौ को सबसे पवित्र अनाज माना जाता है. जौ को देवी-देवताओं की पूजा में चढ़ाया जाता है. नवरात्रि में जौ के बौने से देवी दुर्गा खुश होती हैं.
कहते हैं कि नवरात्रि के दौरान जौ बोने से घर में सुख, शांति और समृद्धि आती है. जौ को नवरात्रि के पहले दिन बोया जाता है.