हर नारी में होते हैं मां दुर्गा के ये रूप 

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नवरात्रि में मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है. मां दुर्गा के नौ रूप हमें बताता है कि एक स्त्री के अनेक रूप हैं.

वह सहज है, तो कठोर भी है, सुंदर है, तो कठोर भी है, वह सहनशील है, तो क्रोधी भी है.

एक स्त्री में एक साथ मां सरस्वती, लक्ष्मी, काली, मां दुर्गा सब बसती हैं. 

सरस्वती: हमारी पहली गुरु हमारी मां ही होती है. यह स्त्री के सरस्वती रूप को दर्शाता है. मां हमें जीवन की हर कठिनाइयों से लड़ना सिखाती है.

लक्ष्मी: शास्त्रों में स्त्री को लक्ष्मी का रूप माना गया है. न केवल कामकाजी महिलाएं बल्कि हाउसवाइफ भी मां लक्ष्मी का स्वरुप होती है. उनके कर्म और भाग्य से घर में सुख-समृद्धि और खुशहाली आती है.

अन्नपूर्णा: स्त्री मां अन्नपूर्णा का ही रूप है. घर की रसोई उनके ही हवाले होती है. चाहे वो कामकाजी हो या हाउसवाइफ अपने परिवार को खाना बनाकर जरूर खिलाती है.

दुर्गा: एक महिला अपने घर परिवार की रक्षा के लिए कुछ भी कर सकती है. जरूरत पड़ने पर उन्हें दुर्गा बनने में देर नहीं लगती.

गायत्री: नारी में माता गायत्री का भी रूप देखा गया है. भले ही कई महिलाएं पढ़ी-लिखी न हो, पर वो सुन और देखकर ही ज्ञान हासिल करने की क्षमता रखती है.

पार्वती: हर महिला के अंदर सती, पार्वती, सीता या सावित्री विद्दमान है, जो अपने पति के लिए कुछ भी करने को तैयार रहती है.