देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 28 मई 2023 को नए संसद भवन का उद्घाटन करेंगे. नए संसद भवन में लोकसभा के लिए 888 सीटें बनाई गई हैं.
जबकि राज्यसभा के लिए 384 सीटों का इंतजाम किया गया है. दोनों सदनों के संयुक्त अधिवेशन के दौरान कुल 1280 सांसद एक साथ बैठ सकते हैं.
यह कुल 64,500 वर्गमीटर में फैला हुआ है. नए संसद भवन का डिजाइन गुजरात की आर्किटेक्ट कंपनी एचपीसी ने किया है.
नए संसद भवन के निर्माण में सागौन की लकड़ी- महाराष्ट्र के नागपुर से लाई गई है. बलुला लाल व सफेद पत्थर- राजस्थान के सरमथुरा से लाया गया है.
बिछाने के लिए कालीन- यूपी के मिर्जापुर से मंगाया गया है, जबकि लकड़ी के फर्श के लिए त्रिपुरा-अगरतला से बांस मंगाया गया है.
नोएडा व राजस्थान में स्टोन का जाली वर्क्स कराया गया है. औरंगाबाद व जयपुर से अशोक चिन्ह बनवाया गया है. संसद भवन के फर्नीचर मुंबई से मंगवाए हैं.
जैसलमेर से लाल लाखा मंगाया है और राजस्थान के अंबाजी से सफेद संगमरमर मंगाया गया है. उदयपुर से से केशरिया ग्रीन स्टोन मंगाया गया है.
नए संसद भवन के लिए पत्थर पर नक्काशी का काम राजस्थान से कराया गया है. ब्रॉस वर्क और प्री-कास्ट ट्रेंच अहमदाबाद से कराया गया है.
जबकि दोनों सदनों की फाल्स सीलिंग दमन-दीव से कराई गई. यह देखने में इतनी खूबसूरत है कि किसी को भी आकर्षित कर लेगी.
नए संसद भवन का निर्माण भारत की ही स्वदेशी कंपनी ने किया है. टाटा ग्रुप की कंपनी टाटा प्रोजेक्ट लिमिटेड ने संसद भवन निर्माण का टेंडर जीता था.
इस टेंडर के लिए लार्सन एंड टुब्रो ने भी अप्लाई किया था लेकिन प्रोजेक्ट टाटा ग्रुप को अवार्ड किया गया.
इस प्रोजेक्ट को सेंट्रल विस्टा रिडेवपमेंट प्रोजेक्ट के नाम से जाना जाता है और टाटा ग्रुप ने करीब 862 करोड़ रुपए में तैयार करने की पेशकश की थी.