अब FASTAG नहीं सैटेलाइट से वसूला जाएगा टोल

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अब तक हम टोल प्लाजा पर फास्टैग का इस्तेमाल करते थे, जिससे टोल शुल्क सीधे हमारे बैंक खातों से कट जाता था. लेकिन अब सैटेलाइट के जरिए टोल वसूली का प्लान किया जा रहा है. 

आइए जानते हैं सैटेलाइट आधारित टोल से ड्राइवर बिना किसी रुकावट के सफर कैसे करेंगे.

इस नई तकनीक में सैटेलाइट की मदद से वाहनों की लोकेशन को ट्रैक किया जाएगा. 

सैटेलाइट तकनीक से ड्राइवर को टोल प्लाजा पर रुकने की जरूरत नहीं होगी क्योंकि टोल सीधे आपके बैंक खाते से कट जाएगा.

इस तकनीक में वाहनों में लगे जीपीएस ट्रैकर्स का उपयोग किया जाएगा. यह ट्रैकर वाहन की यात्रा के मार्ग और दूरी की जानकारी सैटेलाइट को भेजेगा, जिससे टोल की सही गणना हो सकेगी. 

सैटेलाइट के जरिए हर वाहन की दूरी और मार्ग को ट्रैक किया जाएगा. इससे आपसे सिर्फ उतना ही टोल लिया जाएगा जितना आपने सड़क का इस्तेमाल किया है, यानी यदि आप कम दूरी तय करेंगे, तो कम टोल लगेगा. 

इस नई तकनीक से न केवल आपका समय बचेगा, बल्कि टोल प्लाजा पर रुकने पर लगने वाले ईंधन की भी बचत होगी और ड्राइवर को लंबी कतारों में इंतजार नहीं करना पड़ेगा.

सैटेलाइट से टोल वसूली डिजिटल होगी, जिससे कैश लेन-देन की आवश्यकता नहीं होगी. यह प्रक्रिया पूरी तरह से ऑनलाइन होगी, जिससे भुगतान में पारदर्शिता आएगी. 

नेशनल हाईवे फीस नियम, 2008 को संशोधित कर दिया गया है. इसमें इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन और  सैटेलाइट टोल कलेक्शन सिस्टम को ध्यान में रखते हुए यह फैसला लिया गया है.