शरीर में पारा मिलने से हुई थी न्यूटन की मौत

गुरुत्वाकर्षण और गति के नियमों का ईजाद करने वाले न्‍यूटन की आज पुण्यतिथि है.

आइजैक न्यूटन न केवल एक वैज्ञानिक थे, बल्‍कि गणितज्ञ, भौतिकविद, खगोलविद, धर्मशास्त्री के अलावा और भी बहुत कुछ थे.

न्यूटन ने विज्ञान में एक नए युग की शुरुआत की थी.

न्यूटन के सिद्धांत के पहले भी गुरुत्व की अवधारणा थी, लेकिन न्यूटन के सिद्धांतों से गुरुत्वाकर्षण को सौर्वभौमिकता प्रदान की.

न्यूटन ने सर्वाधिक लेख इतिहास और धर्मशास्त्र पर लिखे. दर्शनशास्त्र और कालक्रम विज्ञान में भी उनकी रुचि थी. 

इसके अलावा विज्ञान में द्रव्य यांत्रिकी, प्रकाश जैसे विषयों में उनका दखल था.

न्यूटन ने कैल्क्युलस का आविष्कार यह सिद्ध करने के लिए किया था कि ग्रह सूर्य का चक्कर अंडाकार कक्षा में लगाते हैं.

न्यूटन ने शादी नहीं की थी. 31 मार्च 1727 को लंदन में उनका निधन हुआ था. 

कहा जाता है कि मृत्‍यु के बाद उनके शरीर में ढेर सारा पारा मिला था.

पारा मिलने को किसी ने उनके अल्कैमी के प्रयोगों से जोड़ा तो किसी ने रसायन व्यवसाय से.