निदा फाज़ली: उर्दू का वह शायर जिसने
लिखे दोहे भी

By: Nisha

निदा फ़ाज़ली उर्दू और हिन्दी के एक अदीब, शायर, गीतकार, संवाद लेखक और पत्रकार थे. 

उन्होंने अमीर ख़ुसरो, मीर, रहीम और नज़ीर अकबराबादी की भूली-बिसरी काव्य परंपरा में वर्तमान काल की भाषाई प्रतिभा जोड़ी. 

उन्होंने शायरी भी लिखीं और दोहे भी. इसलिए उन्हें बहुत से लोगों ने कबीर दास भी कहा. 

चिड़िया ने उड़ कर कहा मेरा है आकाश 
बोला शिकरा डाल से यूँही होता काश 

- निदा फाज़ली

मैं भी तू भी यात्री चलती रुकती रेल 
अपने अपने गाँव तक सब का सब से मेल 

- निदा फाज़ली

बच्चा बोला देख कर मस्जिद आली-शान 
अल्लाह तेरे एक को इतना बड़ा मकान 

- निदा फाज़ली

सीधा-साधा डाकिया जादू करे महान 
एक ही थैले में भरे आँसू और मुस्कान 

- निदा फाज़ली

नक़्शा ले कर हाथ में बच्चा है हैरान 
कैसे दीमक खा गई उस का हिन्दोस्तान 

- निदा फाज़ली